The best Side of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए



वशीकरण में आमतौर पर हम माध्यम पर प्रयोग करते है लेकिन इसमें हम खुद को इतना मोहक बना लेते है की माध्यम हमारे आकर्षण में आ जाता है.

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इस मंत्र का जाप एक शांत और पवित्र स्थान पर, स्नान करके और स्वच्छ वस्त्र पहनकर करना चाहिए। मंत्र जाप की विधि और मंत्रों की संख्या के बारे में किसी अनुभवी गुरु या पुस्तक से जानकारी प्राप्त करें।

बांध इन्द्र की बांध तारा, बांधू बिद लोही की धारा, उठे इन्द्र न बोले बाव, सूक साख पूंजी हो जाय, बन ऊपर लोकी कड़े हीय लपर लो सूत में, तो बंधन बांधयो सास-ससुर जाया पूत, मन बांधू मंवन्त बांधू विद्या दे साथ, चार खूंट लों फिर आब अमुकी अमुक के साथ रहे गुरु गुरो स्वाहा।

मंत्र का उच्चारण: मंत्र को स्पष्ट ध्यान और श्रद्धा के साथ उच्चारण करें। एक विशेष आवाज में मंत्र का उच्चारण करें और ध्यान दें कि आपकी इच्छा पूरी हो रही है।

ॐ नमो भगवते मदन मोह मये पंच भूत मोहिनी। चतुर्विध जीव गलनु मोहिसु मोहिसु। तन्नो नो उदकेण तुरित व्यतलिन्नकाणा कालुकै। प्याऽदे कल बहु दिवोडि वरील वार विर्दरे। महा मायाणे काल भैरव-गणे ब्रह्मा- विष्णु, महेश्वरणे श्रीराम ईतनाणे। क्लीं मोहिनी मोहिसु मोहिसु। निगेगे निन्त्राणे मोहिसु ॐ गुरु प्रसादं।

किसी तरह के दरुपयोग के लिए इसका प्रयोग न करे वर्ना आपके फल नष्ट होंगे.

मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना क्या ये कारगर उपाय है ?

कई बार ऐसा देखने में read more आता है की मोहिनी वशीकरण मंत्र सही तरह से काम नहीं करते है.

त्रीं त्रीं त्रीं हूं, हूं स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं हूं हूं त्रीं त्रीं त्रीं स्वाहा

हाँ, वशीकरण मंत्रों का उच्चारण करने से मन एकाग्र होता है और ध्यान की स्थिति में आता है। इन मंत्रों का उपयोग ध्यान प्रदान करने, मेधा बढ़ाने और मन को शांत करने के लिए किया जा सकता है।

विधि: इस मन्त्र को किसी शुभ मुहूर्त में दस हजार बार जप करके सिद्ध कर लें। फिर प्रयोग करते समय बृहस्पतिवार को प्रसन्न होकर थोड़ा-सा नमक लेकर उसे सात बार मन्त्र से अभिमन्त्रित करके जिस स्त्री को मोहित करना हो, उसके खाने-पीने की वस्तु में वह नमक मिला दें। वह स्वी साधक पर तन-मन-धन से मोहित हो जायेगी। देवदत्ती के स्थान पर साध्य स्त्री के नाम का उच्चारण करें।

कामाख्या मंत्र को बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इस मंत्र को सिद्ध करने वाले साधक के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। मंत्र सिद्धि के नियम कठिन हैं इसलिए इसे मजाक में लेना खतरनाक है। इस दिशा में तभी आगे बढ़ना चाहिए जब आत्मविश्वास हो और उपलब्धि के प्रति प्रतिबद्धता हो। साधना के आरंभ में विनियोग, करणे, अंग न्यास करें। इसके बाद ध्यान के लिए अपनी चेतना को देवी के निम्नलिखित अतुलनीय स्वरूप पर केंद्रित करें-

दूसरी लौंग दिखाए छाती, रूठे को मना लाए, बैठे को उठा लाए

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